🌿 कटिंग-ग्रेड लैब-क्रिएटेड डायमंड क्रिस्टल | इको-फ्रेंडली, सस्टेनेबल और कॉस्ट-इफेक्टिव
💎 सीरीज़ ओवरव्यू
सिनोडियम HPHT लैब-ग्रोन रफ डायमंड सीरीज़ ज्वेलरी बनाने वालों, डायमंड कटर और होलसेल सप्लायर के लिए कटिंग-ग्रेड रफ डायमंड की पूरी रेंज देती है। हाई प्रेशर हाई टेम्परेचर (HPHT) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बनाए गए ये डायमंड नेचुरल डायमंड जैसी हार्डनेस, क्रिस्टल स्टेबिलिटी और बेहतरीन ट्रांसपेरेंसी के साथ सस्टेनेबल और ट्रेसेबल प्रोडक्शन को मिलाते हैं।
SI1–SI2 ग्रेड B से VS–VVS ग्रेड A तक, यह सीरीज़ स्टैंडर्ड प्रोडक्शन, प्रीमियम जेमस्टोन फेसटिंग और इको-कॉन्शियस सप्लाई चेन की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाई गई है।
🌟 प्रोडक्ट 1: सिनोडियम SI1–SI2 ग्रेड B HPHT लैब में उगाया गया रफ डायमंड
Overview
SI1–SI2 ग्रेड B रफ डायमंड बैलेंस्ड क्लैरिटी, लगभग बिना रंग का लुक और कॉस्ट-इफेक्टिव कटिंग परफॉर्मेंस देता है, जो इसे मास-मार्केट ज्वेलरी प्रोडक्शन और बल्क कटिंग ऑपरेशन के लिए आइडियल बनाता है।
प्रमुख विशेषताऐं
- नेचुरल डायमंड जैसी चमक: बहुत अच्छी ट्रांसपेरेंसी, स्टेबल क्रिस्टल ग्रोथ, कम से कम इन्क्लूजन।
- सस्टेनेबल और एथिकल: 100% लैब में बना, बिना झगड़े वाला, और इको-फ्रेंडली।
- Cost-Effective: Perfect for batch production and mass-market jewelry.
- कस्टमाइज़ेबल रंग और आकार: लगभग रंगहीन से लेकर हल्के पीले-सफ़ेद तक; क्यूबिक, ऑक्टाहेड्रल, या कस्टम मॉर्फोलॉजी।
🌟 प्रोडक्ट 2: सिनोडियम VS–VVS ग्रेड A HPHT लैब में उगाया गया रफ डायमंड
Overview
VS–VVS ग्रेड A रफ डायमंड एक प्रीमियम कटिंग-ग्रेड मटीरियल है जिसमें बहुत ज़्यादा क्लैरिटी, एक जैसे क्रिस्टल और लगभग बिना रंग का लुक होता है, जो लग्ज़री ज्वेलरी प्रोडक्शन, हाई-कैरेट स्टोन और एग्ज़िबिशन-ग्रेड जेमस्टोन के लिए आइडियल है।
प्रमुख विशेषताऐं
- हाई क्लैरिटी और कटिंग परफॉर्मेंस: कम से कम इन्क्लूजन, स्टेबल क्रिस्टल स्ट्रक्चर, सटीक फेसटिंग पोटेंशियल।
- प्रीमियम और किफ़ायती: खदान से निकले हीरे की लागत के बहुत कम दाम पर हाई-ग्रेड VS–VVS क्वालिटी पाएं।
- इको-फ्रेंडली और ट्रेसेबल: पूरी तरह से लैब में उगाया गया, बिना किसी झगड़े वाला, सस्टेनेबल डायमंड सोर्स।
- कस्टमाइज़ेबल मॉर्फोलॉजी: सटीक कटिंग के लिए क्यूबिक, ऑक्टाहेड्रल, या कस्टम क्रिस्टल शेप को सपोर्ट करता है।
💍 सीरीज़ एप्लीकेशन और वैल्यू
- ज्वेलरी कटिंग और फेसिंग: गोल ब्रिलियंट्स, फैंसी कट्स और प्रीमियम जेमस्टोन्स के लिए आइडियल फीडस्टॉक।
- बैच प्रोडक्शन सप्लाई: मैन्युफैक्चरर्स और होलसेलर्स के लिए एक जैसी क्लैरिटी, रंग और क्रिस्टल शेप पक्का करता है।
- सस्टेनेबल सप्लाई चेन: ब्रांड और लैब के लिए इको-फ्रेंडली, बिना झगड़े वाली और ट्रेस होने वाली डायमंड सोर्सिंग को मुमकिन बनाती है।
- कस्टम और लग्ज़री प्रोजेक्ट्स: बड़े कैरेट के पत्थर, एग्ज़िबिशन-क्वालिटी वाले हीरे, और खास लग्ज़री ज्वेलरी को सपोर्ट करता है।
लैब में बने हीरों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
1. क्या लैब में बने हीरे असली हीरे होते हैं?
हाँ, लैब में बने हीरे असली हीरे होते हैं। वे केमिकली, फिजिकली और ऑप्टिकली नेचुरल हीरे जैसे ही होते हैं, जिनमें वैसी ही हार्डनेस, चमक और आग होती है। मुख्य अंतर उनके ओरिजिन में होता है—लैब में बने हीरे हाई प्रेशर हाई टेम्परेचर (HPHT) या केमिकल वेपर डिपोजिशन (CVD) तरीकों का इस्तेमाल करके कंट्रोल्ड लैबोरेटरी एनवायरनमेंट में बनाए जाते हैं।
2. लैब में बने हीरे कैसे बनते हैं?
लैब में उगाए गए हीरे दो मुख्य तरीकों से बनाए जाते हैं:
- HPHT (हाई प्रेशर हाई टेम्परेचर): कार्बन पर हाई प्रेशर और टेम्परेचर लगाकर नेचुरल डायमंड बनने के प्रोसेस की नकल करता है।
- CVD (केमिकल वेपर डिपोजिशन): इसमें कार्बन वाली गैसों को तोड़कर कार्बन एटम को एक सबस्ट्रेट पर जमा किया जाता है, जिससे डायमंड क्रिस्टल बनते हैं।
दोनों तरीकों से ऐसे हीरे मिलते हैं जिनमें नेचुरल हीरे जैसी ही फिजिकल प्रॉपर्टीज़ होती हैं।
3. क्या लैब में बने हीरे असली हीरे से अलग दिखते हैं?
नहीं, लैब में बने हीरे असली हीरे जैसे ही दिखते हैं। उनमें वैसी ही चमक, आग और चमक दिखती है। कोई भी अंतर बहुत छोटा होता है और उसे सिर्फ़ जेमोलॉजिस्ट खास इक्विपमेंट से ही पता लगा सकते हैं।
4. क्या लैब में बने हीरे, नेचुरल हीरों से कम महंगे होते हैं?
हाँ, लैब में बने हीरे आम तौर पर नेचुरल हीरों से ज़्यादा सस्ते होते हैं। कीमत में यह अंतर कंट्रोल्ड प्रोडक्शन प्रोसेस और माइनिंग कॉस्ट न होने की वजह से होता है। कस्टमर अक्सर उसी बजट में बड़े या बेहतर क्वालिटी वाले लैब में बने हीरे खरीद सकते हैं।
5. क्या लैब में बने हीरे नैतिक और टिकाऊ हैं?
लैब में उगाए गए हीरे, खदान से निकाले गए हीरों के मुकाबले ज़्यादा नैतिक और टिकाऊ माने जाते हैं। इनके प्रोडक्शन से हीरे की माइनिंग से जुड़े पर्यावरण और मानवाधिकारों के मुद्दों से बचा जा सकता है। इसके अलावा, लैब में उगाए गए हीरों की शुरुआत का पूरी तरह पता लगाया जा सकता है, जिससे ट्रांसपेरेंसी और नैतिक सोर्सिंग पक्की होती है।
6. क्या लैब में बने हीरे अपनी कीमत बनाए रखते हैं?
लैब में बने हीरे आमतौर पर नेचुरल हीरों जितनी कीमत नहीं रखते। हालांकि वे बहुत अच्छी क्वालिटी और खूबसूरती देते हैं, लेकिन उनकी रीसेल वैल्यू आमतौर पर उनके बहुत ज़्यादा होने और मार्केट के नेचर की वजह से कम होती है।
7. क्या लैब में बने हीरे सभी तरह की ज्वेलरी में इस्तेमाल किए जा सकते हैं?
हाँ, लैब में बने हीरे सभी तरह की ज्वेलरी में इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिसमें एंगेजमेंट रिंग, इयररिंग्स, नेकलेस और ब्रेसलेट शामिल हैं। वे अलग-अलग शेप, साइज़ और क्वालिटी में मिलते हैं, जिससे वे अलग-अलग ज्वेलरी डिज़ाइन के लिए कई तरह से इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
8. क्या लैब में बने हीरे ग्रेडेड होते हैं?
हाँ, लैब में बने हीरों को नेचुरल हीरों जैसे ही क्राइटेरिया से ग्रेड किया जाता है: 4Cs—कट, कलर, क्लैरिटी और कैरेट वेट। जानी-मानी जेमोलॉजिकल लैबोरेटरी ग्रेडिंग रिपोर्ट देती हैं जो इन क्वालिटीज़ को जांचती हैं, जिससे ट्रांसपेरेंसी और कंसिस्टेंसी पक्की होती है।
9. क्या लैब में उगाए गए हीरों का बीमा किया जा सकता है?
हाँ, लैब में उगाए गए हीरों का इंश्योरेंस किया जा सकता है। इंश्योरेंस कंपनियाँ आम तौर पर लैब में उगाए गए हीरे के गहनों के लिए, उनकी अनुमानित कीमत के आधार पर, नेचुरल हीरों जैसी ही पॉलिसी देती हैं।
10. मैं कैसे बता सकता हूँ कि हीरा लैब में बना है या नेचुरल?
लैब में उगाए गए और असली हीरे में फर्क करने के लिए खास इक्विपमेंट की ज़रूरत होती है। जेमोलॉजिस्ट ग्रोथ पैटर्न और इनक्लूजन में छोटे-मोटे अंतर का पता लगाने के लिए एडवांस्ड टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, खुली आंखों से देखने पर वे एक जैसे दिखते हैं।



